BAAL JHAROKHA SATYAM KI DUNIYA HAM NANHE MUNNON KA

Sunday, August 21, 2011

आज मथुरा में -हाँ आज गोकुला में छाई खुशियाली श्याम जू पैदा भये


प्रिय  बच्चों मेरे प्यारे प्यारे दोस्तों  आप सभी को श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर ढेर सारी हार्दिक शुभ कामनाएं आइये आवाहन करें की कृष्ण हम सब में आयें और अनाचार मिटायें हमारे सभी आन्दोलन सफल हों और दुराचारी भ्रष्टाचारी मुह की खाएं-इस कलयुग में द्वापर की बातें याद आ जाती हैं -आज तो कितनी द्रौपदी बेचारी कोई कान्हा सा भाई नहीं पाती हैं ..ग्वाल बाल सब .सखियों सहेलियों का पवित्र प्यार अब कहाँ …जो भी हो आज अपने अंगना में गोपाला को आइये लायें ….गोदी में खिलाएं ….स्वागत करें …काले काले बदरा ..भादों का महीना … -भ्रमर ५
———–भ्रमर गीत———
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श्याम जू पैदा भये
आज मथुरा में -हाँ आज गोकुला में
छाई खुशियाली
श्याम जू पैदा भये
आज मथुरा में -हाँ आज गोकुला में
छाई खुशियाली
श्याम जू पैदा भये !!
ढोल मजीरा तो हर दिन बाजे
आज घर घर बजे सब की थाली
श्याम जू पैदा भये
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घुंघटा वाली नाचे चूड़ी कंगन बजाई के
बच्चे बूढ़े भी नाचें बजा ताली
श्याम जू पैदा भये
आज मथुरा में -हाँ आज गोकुला में
छाई खुशियाली
श्याम जू पैदा भये !!
बदरा बजाये पशु पक्षी भी नाचें
पेड़ पौधों में छाई हरियाली
श्याम जू पैदा भये
आज मथुरा में -हाँ आज गोकुला में
छाई खुशियाली
श्याम जू पैदा भये !!
कृष्ण पाख कुछ चाँद छिपावे
आज घर घर मने है दिवाली
श्याम जू पैदा भये
आज मथुरा में -हाँ आज गोकुला में
छाई खुशियाली
श्याम जू पैदा भये !!
भादों में नदी नाले सागर बने
कान्हा चरण छुए यमुना भयीं खाली
श्याम जू पैदा भये
आज मथुरा में -हाँ आज गोकुला में
छाई खुशियाली
श्याम जू पैदा भये !!
पूत जने माई बप्पा तो झूमें
आज देशवा ख़ुशी भागशाली
श्याम जू पैदा भये
आज मथुरा में -हाँ आज गोकुला में
छाई खुशियाली
श्याम जू पैदा भये !!
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कृपया मेरी अन्य तरह की रचनाएँ मेरे अन्य ब्लॉग पर पढ़ें जो इस पृष्ठ पर दायीं तरफ रहती हैं ….
सुरेन्द्र कुमार शुक्ल भ्रमर ५
२२.०८.२०११
प्रतापगढ़ उ.प्र. ६.३० पूर्वाह्न



बच्चे मन के सच्चे हैं फूलों जैसे अच्छे हैं मेरी मम्मा कहती हैं तुझसे जितने बच्चे हैं सब अम्मा के प्यारे हैं --

Sunday, August 14, 2011

लिए तिरंगा मै निकला हूँ


हीरा हैं हम सोना हैं हम 
चांदी सा हम चमकेंगे !
सोने की चिड़िया, 
दूध की नदिया ,
"हरित-क्रांति" दिखलायेंगे !!
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गाओ बच्चों मेरे संग में !
मिल जाओ सब मेरे दल में !!
घर-घर से आवाज उठी है 
बन्दे मातरम -बन्दे मातरम !
लिए तिरंगा मै निकला हूँ 

कदम ताल कर -छम्मक छम !
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गाँव गली हर शहर नगर में 
रंग बिरंगा उत्सव है !
गीत शहीदों की गाते सब 
शीश झुका नतमस्तक हैं !!
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न्याय , अहिंसा, भाईचारा ,
प्रेम सभी दिल में भर दें !
दुश्मन कहीं जो आँख दिखाए 
धूल-धूसरित पल में कर दें !!
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सिंह से गरजें चोटी  चढ़ के 
कर अपनी चौड़ी छाती !
जल थल नभ की अपनी सेना 
दुनिया में गरजे जाती !!
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राखी बाँधे  जोश दिए हैं 
सब वीर अमर अपने भाई !
जन-गण मन अधिनायक जय हे 
गीत -सांस-अपनी थाती !!
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अग्नि- पृथ्वी- ब्रह्म-अस्त्र सब 
अब सब अपनी मुट्ठी में !
सोने सा तप के हम निकले 
मातृ-भूमि की भट्ठी से !!
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रहे न कोई क्षेत्र अधूरा !
कर पायें हम जो ना पूरा !!


माँ-भारती है गुरु हमारी !
बलि जाए हम प्राण पियारी !!
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अनुशासन में पल के बढ़ के 
नम्र शिष्ट हम बन जाएँ !
मातृ-भूमि की रक्षा में डट 
न्योछावर हम हो जाएँ !!
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सुरेन्द्र कुमार शुक्ल "भ्रमर"५
प्रतापगढ़ उ.प्र. ३.१२ पूर्वाह्न 
१५.०८.२०११ 




बच्चे मन के सच्चे हैं फूलों जैसे अच्छे हैं मेरी मम्मा कहती हैं तुझसे जितने बच्चे हैं सब अम्मा के प्यारे हैं --

Tuesday, August 9, 2011

बस्ता





इतनी ढेर किताबें देखो
बस्ता मेरा ढोता


धूप से इनको यही बचाए  
बारिस - छाता- होता
कविता रुचिकर देख किताबें
बड़े मजे से ढोता
लेकिन गणित और विज्ञान की




मोटी मोटी देख किताबें
मन में जैसे ये रोता 
जिस दिन छुट्टी हो जाती है
दौड़ा-आ -घर में सोता 
मेरे बस्ते पर एक कंगारू 
हिरन व् हाथी लदा हुआ
बस्ता सब से प्यार है करता
कभी न बोले - हटो जरा !!
( ALL THE PHOTOS TAKEN WITH THANKS FROM GOOGLE/NET)
सुरेन्द्र कुमार शुक्ल भ्रमर ५
२६.०६.२०११ जल पी बी 


बच्चे मन के सच्चे हैं फूलों जैसे अच्छे हैं मेरी मम्मा कहती हैं तुझसे जितने बच्चे हैं सब अम्मा के प्यारे हैं --