BAAL JHAROKHA SATYAM KI DUNIYA HAM NANHE MUNNON KA

Wednesday, May 22, 2013




 आओ बच्चों  शीतल कर दूं
 सारी    गर्मी पल में  हर लूं
 अपने  जैसा  हरा भरा कर
चेहरा कर दूं  लाल  टमाटर
पल में    सोख पसीना लूं मै
 जेठ  दुपहरी  में   तरुवर हूँ
हर पिपासु का कुआँ बड़ा हूँ
कुआँ  बड़ा पर द्व़ार  खडा हूँ
देखो कुआँ मगर मै  आया
मन में ज़रा  अहम् ना लाया
 तुम भी सब  की प्यास मिटाओ
बढे चलो तुम ना शरमाओ
मेरे जैसा शीतल रह के
मन मिठास दिन प्रतिदिन भर के
 तरबूजे सा मीठा बन के
दिल  अजीज  सब के तुम बन के
दुनिया में  परचम  लहराओ
भर  मिठास मुस्कान खिलाओ !

 सत्यम शुक्ल
2 2 मई २01 3






बच्चे मन के सच्चे हैं फूलों जैसे अच्छे हैं मेरी मम्मा कहती हैं तुझसे जितने बच्चे हैं सब अम्मा के प्यारे हैं --