BAAL JHAROKHA SATYAM KI DUNIYA HAM NANHE MUNNON KA

Friday, June 29, 2012

सपने कितने बदल गए हैं



सपने कितने बदल गए हैं
(photo with thanks from googl/net for a lovely cause)
पहले कितनी परियां आतीं
गोदी मुझे उठातीं
जंगल पर्वत सैर कराती
तोता मोर हंस चातक संग
भालू शेर दिखाती
नदियाँ  झरने कल कल कल कल
और हिमालय वर्फ दिखातीं
देवदूत से मुझे मिलाकर
रसगुल्ला बिस्कुट टाफी सब
दे दे मुझे हंसाती
सोने का पलना चन्दन का झूला
लोरी मुझे सुनातीं
गुमसुम खोया जो रहता मै
मुस्काता हंस देता
उस पर माँ का दौड़ चूमना
और मजा था देता
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अब तो इतनी ढेर किताबें
आर्कमिडीज न्यूटन आते
जाने कितने शोध करे वे
बड़े "सीरियस" हो जाते
कोई रेडिओ टी .वी. गढ़ता
कोई बिजली -  इलेक्ट्रान
कोई एटम बम सिखलाता
लिए मिसाइल  फुर्र  उड़ जाता
कोई फाईटर प्लेन बिठा के
पाइलट मुझे बनाता
कोई मोबाईल और राडार की
क्रान्ति हमें समझाता
सागर के अन्दर जहाज में
ले जा क्या क्या दिखलाता
सीपी- मोती -ह्वेल - आक्टोपस
रंग -बिरंगी मछली दिखती
तैर -तैर कर उछल उछल कर
मन मेरा खुश कर ही देती
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रात रात भर जाग जाग मै
पढता -पढ़ता सो जाता
ब्लैक बोर्ड कंप्यूटर दिखते
बड़-बड़ कर मै गणित लगाता
टेस्ट-परीक्षा घेरे मुझको
बादल जैसे कभी डराते
मम्मी प्यार से गोदी भर फिर
माथा मेरा सहलाती
पलक उघारे देख उन्हें मै
सो जाता - जब लोरी गातीं
राजा मेरे लाल बनेगे
और परी सी होगी रानी .....
चुनमुन चिड़िया चंदा मामा
बन्दर तारे प्यारे  सारे
होंगे सब बाराती
छोटे छोटे बौने "जादू "
खेल खिलाते सब हँसते
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शुक्ल "भ्रमर"
-.४०
१५.११.२०११ मंगलवार
यच पी


बच्चे मन के सच्चे हैं फूलों जैसे अच्छे हैं मेरी मम्मा कहती हैं तुझसे जितने बच्चे हैं सब अम्मा के प्यारे हैं --

10 comments:

Chaitanyaa Sharma said...

हाँ ऐसा ही होता है....सुंदर कविता

Surendra shukla" Bhramar"5 said...

आदरणीय शास्त्री जी अभिवादन ...बच्चों की दुनिया को प्रोत्साहित करने के लिए आभार ...प्रोत्साहन से ऊर्जा मिलती है लेखन को ...
भ्रमर ५

Surendra shukla" Bhramar"5 said...

प्रिय चैतन्य जी आप से सहमती मिली ..आप की मुहर लग गयी ....आनंद आया
आभार
भ्रमर ५

Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टून said...

वाह अच्‍छी रचनाएं हैं

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

सुंदर रचना ॥बच्चों के मन की बात

S.M.HABIB (Sanjay Mishra 'Habib') said...

वाह! बहुत सुन्दर बाल कविता...
सादर.

SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR5 said...

प्रिय मिश्र जी ये बाल कविता आप के मन को छू सकी सुन ख़ुशी हुयी आभार
भ्रमर ५

SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR5 said...

प्रिय काजल कुमार जी ये बाल कविता आप के मन को भाई सुन हर्ष हुआ कृपया यों ही प्रोत्साहन बनाये रखें
भ्रमर ५
भ्रमर का दर्द और दर्पण

SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR5 said...

आदरणीय संगीता जी बच्चों के मन की बाते आप को अच्छी लगीं और आप का समर्थन मिला ख़ुशी हुयी कृपया यों ही अपना प्रोत्साहन बनाये रखें
भ्रमर ५
भ्रमर का दर्द और दर्पण

Sawai Singh Rajpurohit said...

बहुत सुन्दर बाल कविता.. एक्टिवे लाइफ