BAAL JHAROKHA SATYAM KI DUNIYA HAM NANHE MUNNON KA

Monday, April 16, 2012

सपने कितने बदल गए हैं



सपने कितने बदल गए हैं 
(photo's with thanks from google/net)

पहले कितनी परियां आतीं 
गोदी मुझे उठातीं 
जंगल पर्वत सैर कराती 
तोता मोर हंस चातक संग 
भालू शेर दिखाती 
नदियाँ  झरने कल कल कल कल 
और हिमालय वर्फ दिखातीं
देवदूत से मुझे मिलाकर
रसगुल्ला बिस्कुट टाफी सब 
दे दे मुझे हंसाती 
सोने का पलना चन्दन का झूला 
लोरी मुझे सुनातीं 
गुमसुम खोया जो रहता मै 
मुस्काता हंस देता 
उस पर माँ का दौड़ चूमना 
और मजा था देता 
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अब तो इतनी ढेर किताबें 
आर्कमिडीज न्यूटन आते 
जाने कितने शोध करे वे 
बड़े "सीरियस" हो जाते 
कोई रेडिओ टी .वी. गढ़ता 
कोई बिजलीइलेक्ट्रान
कोई एटम बम सिखलाता  
लिए मिसाइल  फुर्र  उड़ जाता 
कोई फाईटर प्लेन बिठा के 
पाइलट मुझे बनाता
कोई मोबाईल और राडार की 
क्रान्ति हमें समझाता 
सागर के अन्दर जहाज में 
ले जा क्या क्या दिखलाता 
सीपी- मोती -ह्वेल - आक्टोपस 
रंग -बिरंगी मछली दिखती 
तैर -तैर कर उछल उछल कर 
मन मेरा खुश कर ही देती 
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रात रात भर जाग जाग मै
पढता -पढ़ता सो जाता 
ब्लैक बोर्ड कंप्यूटर दिखते
बड़-बड़ कर मै गणित लगाता  
टेस्ट-परीक्षा घेरे मुझको 
बादल जैसे कभी डराते 
मम्मी प्यार से गोदी भर फिर 
माथा मेरा सहलाती 
पलक उघारे देख उन्हें मै 
सो जाता - जब लोरी गातीं 
राजा मेरे लाल बनेगे 
और परी सी होगी रानी .....
चुनमुन चिड़िया चंदा मामा 



बन्दर तारे प्यारे  सारे 
होंगे सब बाराती 
छोटे छोटे बौने "जादू "
खेल खिलाते सब हँसते 
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शुक्ल "भ्रमर" 
-.४० 
१५.११.२०११ मंगलवार 
यच पी 



बच्चे मन के सच्चे हैं फूलों जैसे अच्छे हैं मेरी मम्मा कहती हैं तुझसे जितने बच्चे हैं सब अम्मा के प्यारे हैं --

9 comments:

रुनझुन said...

बहुत ही प्यारी कविता.... मेरे सपनों में भी परियां आती हैं... दूर देश की सैर करा के मेरे संग खेला करतीं हैं...:)

रविकर said...

रुनझुन बोली बढ़िया है, प्यारी प्यारी कविता है |
तब तो भाई बच्चों की बात बच्चों की कविता को पसंद करना और हाँ कहना लाजिमी है -
क्योंकि
कविता बच्चों की
सबसे अच्छे जज भी बच्चे ही |

सादर ||

Surendra shukla" Bhramar"5 said...

प्रिय रुनझुन हमारे रविकर भ्राता श्री जी ने भी आप को जज ठहराया आप की बात पे मुहर लगाया रचना आप को परियों के लोक याद करा सकी सुन ख़ुशी हुयी बहुत बहुत आभार आप दोनों का
भ्रमर ५

ऋता शेखर 'मधु' said...

परी लोक और विज्ञान लोक , दोनों की सैर कराती बहुत प्यारी कविता!

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

बहुत प्यारी कविता ...

Surendra shukla" Bhramar"5 said...

आदरणीया ऋता शेखर मधु जी आभार रचना पारी लोक के साथ आज के वैज्ञानिक युग के दर्शन करा सकी सुन हर्ष हुआ आभार
भ्रमर ५

Surendra shukla" Bhramar"5 said...

आदरणीया संगीता जी अभिवादन और आभार बाल रचना पर प्रोत्साहन हेतु
भ्रमर ५

Shikha Kaushik said...

BAHUT SUNDAR .BADHAI

AAPKI RACHNA -''SABSE PYARI JAAN HAI TOO '' KO ''BHARTIY NARI '' BLOG PAR PRAKASHIT KIYA HAI .AABHAR .

Surendra shukla" Bhramar"5 said...

शिखा जी जय श्री राधे-- बेटियों के सम्मान और प्यार में आप ने ये रचना अपने ब्लॉग पर लगायी बहुत ख़ुशी हुयी
आभार
भ्रमर ५