BAAL JHAROKHA SATYAM KI DUNIYA HAM NANHE MUNNON KA

Saturday, July 16, 2011

कुल्लू -शिमला घूमूँगा

इस गर्मी की छुट्टी मम्मी
कुल्लू -शिमला घूमूँगा
नन्ही ट्रेन रेंगती होगी 
सांप सरीखी -टेढ़ी-मेढ़ी 

सड़क घूमती बारिस होती 
उस सुरंग से बाहर निकले 
पर्वत घाटी देख देख मै
फूला नहीं समाऊंगा  
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चीड़ कहीं तो देवदार हैं
हरे -भरे -सारे पौधे
रंग -बिरंगे फूल खिले हैं
कुदरत के प्यारे बच्चे
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चांदी चमके बर्फ लदी है
मुकुट के जैसे सब धारे

कुछ पल जा के बैठूँगा मै
शीत नदी संग कान उघारे 
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झरने झर झर मोहे मन को
मुक्त बहें- कल-कल वो करते
बादल उड़ते संग -संग खेलें 
स्वर्ग मजा देते-   मन मेरे
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बर्फ में दौडूँ -खेलूँगा मै
स्केटिंग   कर आऊँगा
चिड़िया बन्दर नए नज़ारे
फोटो सभी    उतारूंगा
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इन नदिया झरने सा अम्मा 
मन कहता बहता मै जाऊं
हर आँखों में -हर मन में माँ
बसकर- खींच उन्हें मै लाऊं
पर्वत –घाटी- इस हरियाली 
अमृत रस --के मीठे  पानी
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तप्त ह्रदय भटके भूले जो
कंटक पथ ही वास किये हैं
कोमल नन्हे कर से अपने
उनका माथा मै सहलाऊँ 
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शीत वायु सा -हिम-हिमगिरी सा
कल -कल करती -निश्छल नदिया- सा
शीतल मन उनका मै करके
छाती   तेरी   सदा जुड़ाऊँ !!
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सुरेन्द्र कुमार शुक्ल भ्रमर ५
२३.०६.२०११ जल पी बी
५.०९ पूर्वाह्न
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बच्चे मन के सच्चे हैं फूलों जैसे अच्छे हैं मेरी मम्मा कहती हैं तुझसे जितने बच्चे हैं सब अम्मा के प्यारे हैं --

9 comments:

रुनझुन said...

बहुत ही सुन्दर कविता है... इसे पढ़कर को तो मेरा मन भी कुल्लू-शिमला घूमने को मचलने लगा... थैंक्यू अंकल इतनी सुन्दर कविता के लिये भी और ऐसी सुन्दर-सुन्दर कविताओं वाले ब्लॉग के बारे में मुझे बताने के लिये भी... और हाँ आपने मेरे ब्लॉग पर मेरे बारे में पढ़ा... पसन्द किया, इसलिये भी आपको बहुत-बहुत थैंक्यू!!!

Surendra shukla" Bhramar"5 said...

प्यारी रुनझुन हम भी मन से बच्चे हैं आप सब के लिए जीते हैं लिखते हैं हँसते हैं
बहुत ही अच्छा लगा आप इतनी शीघ्र बाल झरोखा में आई जरुर घूमिये घुमक्कड़ी बनिए पर खूब पढ़िए शुभ कामनाएं
बच्चों के ब्लॉग का बहुत सा लिंक है यहाँ जाओ अंतरजाल है
शुभ कामनाएं -आती रहना

शुक्ल भ्रमर ५
बाल झरोखा सत्यम की दुनिया
भ्रमर की माधुरी कारण और निवारण

मदन शर्मा said...

बहुत अच्छी प्रस्तुति।
एक सुन्दर भावों की रचना से साक्षात करवाया

इस प्रस्तुति के लिए आभार!!

मदन शर्मा said...

बहुत अच्छी प्रस्तुति।
एक सुन्दर भावों की रचना से साक्षात करवाया

इस प्रस्तुति के लिए आभार!!

मदन शर्मा said...

बहुत अच्छी प्रस्तुति।
एक सुन्दर भावों की रचना से साक्षात करवाया

इस प्रस्तुति के लिए आभार!!

SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR5 said...

मदन भाई बाल कविता को सराहने के लिए बच्चों का मन खुश रखने के लिए आभार
भ्रमर ५

Shikha Kaushik said...

सुन्दर बाल भावो से युक्त प्यारी कविता .बधाई

Surendra shukla" Bhramar"5 said...

सम्माननीय शिखा कौशिक जी हादिक अभिनन्दन आप का यहाँ पर -आप का समर्थन मिला हर्ष हुआ -कुल्लू शिमला घूमूँगा -बाल रचना अच्छी लगी आप को सुन हर्ष हुआ -
आभार आप का -आइये बच्चों को यों ही मुस्कुराते हुए देखते बढ़ते चलें
शुक्ल भ्रमर ५

Surendra shukla" Bhramar"5 said...

विद्या जी हार्दिक अभिवादन आप का सुन्दर ब्लॉग भी आप का -लिखते रहिये
आप को भी मेरा ये बच्चों के लिए प्रयास अच्छा लगे तो समर्थन दें धन्यवाद
भ्रमर५