मेरे प्यारे छोटे नन्हे मुन्ने दोस्तों आज बाल दिवस के मौके पर अपने दोस्त भ्रमर की ढेर सारी शुभ कामनाएं ग्रहण कीजिये आइये एक सुन्दर विश्व का निर्माण करें जो की बिना आप के सहयोग के तो हो ही नहीं सकता आज मै पास होता तो आप के कान में ढेर सारा मन्त्र देता कुछ हंसाता गुदगुदाता और आप से हाथ उठवाकर ये संकल्प करवाता की हम अपने देश , संस्कृति , ईमानदारी, अहिंसा से कोई समझौता नहीं करेंगे अपने माँ पिता गुरु को हमेशा सम्मान देंगे उन्हें हर सुख सुविधा देंगे भरपूर प्यार देंगे जितना दुलार उन्होंने किया है जितना त्याग उन्होंने हमें इतना बड़ा करने में किया है वो त्याग कोई भी नहीं कर सकता और आजीवन हमे उनके नन्हे- मुन्ने -पप्पू बने रहना होगा ! जब चाहें वे हमें डांट दें प्यार दें मार दें दुलार दें उनको हर हक़ देना होगा जो भी अच्छा होगा उसे ग्रहण करना होगा बुराईयों से हमेशा दूर बहुत दूर रहना होगा तब हमारा ये उज्जवल भविष्य बनेगा बड़ी मेहनत करनी हैं कर्म ही पूजा है इससे हम अपना भाग्य भी अपने हक़ में कर लेते हैं हमारे हाथ की रेखाएं बदल जाती हैं हमें सुअवसर मिलता रहता है और हम कभी कभी इस जग में अपना नाम कमा सकते हैं
आओ हम बच्चे किसी से भी भेद भाव न करें सब एक दूसरे की सहायता करें विशेषकर जिसके पास कुछ कमी हो उसकी सहायता का हर हमेशा मन बनाये रखें ...जब आप ऐसा करोगे दूसरे की सहायता प्रभु आप की सहायता और वो जिसकी सहायता आप ने की दोनों खड़े रहेंगे आप की सहायता को ..
बोलो जय जय शिव शंकर हर हर भोले ....आओ भोले सा हम कोमल और कठोर दोनों बन जाएँ त्याग करें लेकिन दानवों को कभी बर्दाश्त नहीं करें .....आओ हम इनसे बहुत कुछ सीखें ...
आओ बचपन - अब खो जाएँ
माँ के आंचल में छुप जाएँ
हंस दें और उसे हंसाएं
उसकी आँखों में देख देख के
प्यार के सागर खो जाएँ
हंस बने हम मोती चुग लें
सूरज बन रौशनी लुटाएं
लोरी चंदा गुडिया गुड्डा
रेल बस अड्डा
मेला ठेला भीड़ झमेला
ओझा मंदिर और चिकित्सक
कितना माँ को हम दौडाए
याद किये उस पर लुट जाएँ
बारिश में थोडा भीगे हम
कागज़ किस्ती चलो चलायें
छुपा छिपी थोड़ी शैतानी
माँ बाबा को खूब चिढायें
सब को भाई गले मिलाकर
बच्चे के गुण सब सिखलाएँ
नही कोई हो वैरी अपना
ना इर्ष्या हो ना हो झूठ
देश की खातिर अपना जीवन
अपना प्यारा हर एक पल हो
बने सदा हम वीर सपूत.
बच्चे मन के सच्चे हैं फूलों जैसे अच्छे हैं मेरी मम्मा कहती हैं तुझसे जितने बच्चे हैं सब अम्मा के प्यारे हैं --
आओ हम बच्चे किसी से भी भेद भाव न करें सब एक दूसरे की सहायता करें विशेषकर जिसके पास कुछ कमी हो उसकी सहायता का हर हमेशा मन बनाये रखें ...जब आप ऐसा करोगे दूसरे की सहायता प्रभु आप की सहायता और वो जिसकी सहायता आप ने की दोनों खड़े रहेंगे आप की सहायता को ..
बोलो जय जय शिव शंकर हर हर भोले ....आओ भोले सा हम कोमल और कठोर दोनों बन जाएँ त्याग करें लेकिन दानवों को कभी बर्दाश्त नहीं करें .....आओ हम इनसे बहुत कुछ सीखें ...
आओ बचपन - अब खो जाएँ
माँ के आंचल में छुप जाएँ
हंस दें और उसे हंसाएं
उसकी आँखों में देख देख के
प्यार के सागर खो जाएँ
हंस बने हम मोती चुग लें
सूरज बन रौशनी लुटाएं
लोरी चंदा गुडिया गुड्डा
रेल बस अड्डा
मेला ठेला भीड़ झमेला
ओझा मंदिर और चिकित्सक
कितना माँ को हम दौडाए
याद किये उस पर लुट जाएँ
बारिश में थोडा भीगे हम
कागज़ किस्ती चलो चलायें
छुपा छिपी थोड़ी शैतानी
माँ बाबा को खूब चिढायें
सब को भाई गले मिलाकर
बच्चे के गुण सब सिखलाएँ
नही कोई हो वैरी अपना
ना इर्ष्या हो ना हो झूठ
देश की खातिर अपना जीवन
अपना प्यारा हर एक पल हो
बने सदा हम वीर सपूत.
शिव से आओ "सीख" सभी लें
भागीरथ ने जिसे उतारा
नहीं सम्हाल सका जग सारा
जटा में उलझी गंगा धारा
शिव का कृत्य बड़ा ही न्यारा
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दो नैना हैं भोले -भाले
करुणामय हैं शिव मतवाले
दे जाते हैं भक्त जो मांगे
तीजा नैन प्रलय का द्योतक
"पापी" का कर देता अंत
पिए हलाहल जग की खातिर
कंठ हुआ है नीला
दमन किये हैं अहम गर्व को
कहता "बाघम्बर" है पीला
अमृत पी पी सब जब बिसरे
:"नीलकंठ" संग अब भी नीला
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सोना चांदी गहने मोती
"त्याग" सभी शिव देते
जोगी जंगल मंगल हिम में
"तप" करते ही दिखते
राख भभूत भूत साँपों से
अद्भुत इनका प्यार
शिव की लीला शिव ही जानें
क्या जाने संसार
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शिव से आओ "सीख" सभी लें
सीखें करना त्याग
दुःख दारिद्र्य सभी तब भागे
जग का हो कल्याण
जहां प्रेम बरसे हो अमृत
पावन संगम गंगा धारा
पापी को तो ये त्रिशूल है
है त्रिनेत्र -भूतों साँपों का
बड़ा भयावह मन में डेरा
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शुक्ल भ्रमर ५
१४.११.२०११ यच पी
६.३६-७.०० पूर्वाह्न
बच्चे मन के सच्चे हैं फूलों जैसे अच्छे हैं मेरी मम्मा कहती हैं तुझसे जितने बच्चे हैं सब अम्मा के प्यारे हैं --
12 comments:
बहुत ही सुन्दर कविता और शिक्षाप्रद बातें... बाल दिवस पर हम बच्चों के लिए इससे अच्छा उपहार भला और क्या हो सकता है...थैंक्यू!!!
प्रिय रुनझुन बाल दिवस की बहुत ढेर सारी -इत्ती सी शुभ कामनाएं --रोशन करो इस जग को ये जहां तुम्हारा है -
बहुत सारा प्यार
भ्रमर ५
बहुत सुंदर पंक्तियाँ ...... शुभकामनायें
बहुत सुन्दर प्रस्तुति ..बच्चों के लिए थोड़ी लम्बाई ज्यादा लगी रचना की ..
डॉ मोनिका शर्मा जी अभिवादन बहुत बहुत ख़ुशी हुयी बाल रचना पर आप का समर्थन मिला ..आभार आप का
भ्रमर ५
आदरणीया संगीता जी रचना आप के मन को छू सकी सुन बड़ी ख़ुशी हुयी ..
बहुत कोशिश करता हूँ की रचना बच्चों के लिए कुछ छोटी बने पर बात पूरी नहीं हो पाती आप से कई बार ये सुझाव मिला अब बोलिए इसे क्या करून भाग १- भाग -२ कर दूं दो भागों में बाँट सकता हूँ बस और क्या ..
कोशिश करूंगा आगे से कुछ लेकिन आदत ऐसी पड़ गयी है
भ्रमर ५
बहुत प्यारी सी कविता लिखी आपने ....
प्रिय चैतन्य बाल दिवस की ढेर सारी शुभ कामनाएं ..आप हर रोज नए नए कारनामे करें चित्र दिखाएँ मेला घुमाएँ हमें ..
भ्रमर ५
sir
bal -diwas ke awsar par bahut bahut hi achhi prastuti.shiv ji ki mahima ka bakhaan bahut hi sundar laga.
dhanyvaad sahit
poonam
पूनम जी अभिवादन और अभिनन्दन आप का ..आप की प्यारी प्रतिक्रियाओं से मन उत्साहित होता है कृपया प्रोत्साहन देती रहें बच्चों के लिए कुछ लिखा जा सके
आभार
भ्रमर ५
बहुत अच्छी रचना सही कहां आपने कि शिव कि लीला तो अपरमपार है । इसलिए तो उन्हें देवों का देव महा-देव कहतें हैं
बहुत बहुत धन्यवाद आप का ...शिव की लीला अपरम्पार तो है ही
भ्रमर ५
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