कलम हमारी कितनी प्यारी
(all photo's taken with thanks from google/net)
बच्चे मन के सच्चे हैं फूलों जैसे अच्छे हैं मेरी मम्मा कहती हैं तुझसे जितने बच्चे हैं सब अम्मा के प्यारे हैं --
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आज्ञाकारी होती
जो चाहो सब कुछ लिख देती
भालू बन्दर शेर मोर सब
जंगल यहीं बना देती
आसमान बादल पंछी सब
सागर यहाँ बना देती
मामा नानी को चिट्ठी भी
प्यारा प्यारा लिख देती
परियां सपने रंग बिरंगे
अम्मा की गोदी में हँसता
बच्चा सदा -बना जाती
रात रात भर जागें संग में
बगल में मेरे सो जाती !!
शुक्ल भ्रमर ५
२६.०६.२०११ जल पी बी
बच्चे मन के सच्चे हैं फूलों जैसे अच्छे हैं मेरी मम्मा कहती हैं तुझसे जितने बच्चे हैं सब अम्मा के प्यारे हैं --
7 comments:
बहुत सुंदर ...
bahut accha
very nice post
hamare blog me bhi aaye chhotawriters.blogspot.com
चैतन्य जी धन्यवाद है न कलम हमारी बहुत प्यारी
उपेन्द्र शुक्ल जी प्रोत्साहन के लिए धन्यवाद
दीपक जी कविता -कलम की महिमा को आप ने सराहा -हम आये थे आप के ब्लॉग पर सुन्दर कहानियां
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