BAAL JHAROKHA SATYAM KI DUNIYA HAM NANHE MUNNON KA

Sunday, December 4, 2011

कडवा मीठा पीना पड़ता

(all the photo's taken from google/net for good cause for lovely freinds)
जब जब छींके मेरे आती 
अम्मा मुझको दौड़ उठाती 
टोपी-स्वेटर लादे मुझको 
आँचल भर दिल से है लाती 
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कभी रजाई कम्बल में घुस 
जाने क्या क्या मुझे पिलाती 
तुलसी पत्ता अदरक काढ़ा 
काली मिर्च व् मधु दवाई 
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लौंग नमक हल्दी गुड जायफल 
कडवा मीठा पीना पड़ता 
नहीं तो नाक से पानी गिरता 
गाढ़ा हो पानी कफ बनता 
एक बार कफ बना अगर तो 
दस दिन वो -छुट्टी कर देता 
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सांस फूलती मन ना लगता 
जैसे -  और कई बच्चों का 
पुस्तक सोती घुसकर बस्ता 
रोते    बैठे -  गए -परीक्षा 
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ठण्ड से बचकर स्वस्थ रहूँ मै
पढ़ती जाती नित स्कूल 
सारा पाठ याद कर लेती 
कभी होती थोड़ी भूल 
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आओ बड़ों की बातें माने 
छप -छप पानी ना खेलें 



शीत लहर है बड़ा है कोहरा 



बादल वर्षा  से बच घूमें 



ठण्ड से बच सब पहने घूमे 
धूल  धुएं से बच हम रह लें 
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शुक्ल भ्रमर  
.०५-.४५- .१२.२०११ 
यच पी 


बच्चे मन के सच्चे हैं फूलों जैसे अच्छे हैं मेरी मम्मा कहती हैं तुझसे जितने बच्चे हैं सब अम्मा के प्यारे हैं --

Saturday, November 19, 2011

सबसे प्यारी -- "जान" है तू


















सबसे प्यारी -- "जानहै तू
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(photo with thanks from google/net,indianhindu names)
हे ! बिटिया तू कितनी प्यारी
सुन्दरदिव्य - मूर्ति देवी
निर्मल पावन है गंगा सी
मुट्ठी भर-भर सब लायी

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सूनी कोख - तेरी माता की
पाँच साल - अब भर आयी
चेहरे पर मुस्कान है ऐसी
जाने कौन गड़ा धन पायी
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तू मुस्काती-हम सब खिलते
गोदी दौड़ उठाते
बचपन का सुख सब पाने को
पलकों तुझे बिठाते
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मेरी कल्पना - मेरी प्रतिभा
ममता मेरीकिरण है तू
तू सूरज है -तू चंदा है
आँखों का तारा री तू !
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तू आयी तो जोश बढ़ा रे
ख़ुशी भरी है नयी उमंगें
दौड़ भाग सब काम करें हम
रग रग में जोशीला खून
हवा है रूख में
देखों जैसे - उड़े पतंगे
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हम सब गर्व से शीश उठाते
पुरस्कार जब तू लाती
इतने बच्चों में अव्वल तू
पत्र पत्रिका -फोटो तेरी छप जाती
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बेटी अब पेट्रोल भरे है
बस-गाडी दौडाए
पुलिस मिलिट्री की कमान ले
भ्रष्टाचार मिटाए
झाँसी की रानी सी चमके
वायुयान उडाये
देश की बागडोर तू थामे
विश्व पटल पर छाये
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बेटी -बहना -वधू या माता
दुर्गा -काली -कितने रूप
जगजननी हैजग कल्याणी
ज्योति तू है - रूप अनूप
विद्या -लक्ष्मी -सरस्वती तू
शत शत नमन हे ! बिटिया रानी
सब से प्यारी -"जान " है तू
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सुरेन्द्र कुमार शुक्ल भ्रमर 
.००-.२० पूर्वाह्न
२०.११.२०११ यच पी



बच्चे मन के सच्चे हैं फूलों जैसे अच्छे हैं मेरी मम्मा कहती हैं तुझसे जितने बच्चे हैं सब अम्मा के प्यारे हैं --

Wednesday, November 16, 2011

सबसे कम उम्र में राष्ट्रीय बाल पुरस्कार का कीर्तिमान अक्षिता "पाखी" के नाम -बाल दुनिया से उद्धृत

बाल दिवस, १४ नवम्बर पर विज्ञानं भवन , नई दिल्ली में आयोजित एक भव्य कार्यक्रम में महिला और बाल विकास मंत्री माननीय कृष्ण तीरथ जी ने हमारी सब की प्रिय नन्ही ब्लागर अक्षिता "पाखी" को राष्ट्रीय बाल पुरस्कार -२०११ से पुरस्कृत किया जो की वहां आये बच्चों में से सब से कम उम्र की थी और एक रिकार्ड कायम हुआ 


सबसे कम उम्र में राष्ट्रीय बाल पुरस्कार का कीर्तिमान अक्षिता "पाखी" के नाम






















अक्षिता "पाखी" को ढेर सारी शुभ कामनाये ये सच में गौरव का क्षण था ...हम समारोह में शामिल नहीं रहे तो क्या हुआ सब कुछ देख मन ख़ुशी से उछल पड़ा ...
भविष्य उज्जवल हो .......और ढेर सारा प्यार .........आओ सब बच्चों इस से हम सब सीखें और अपने को ऊर्जा से भर इस समाज और देश के लिए कुछ करें 
भ्रमर ५ 




बच्चे मन के सच्चे हैं फूलों जैसे अच्छे हैं मेरी मम्मा कहती हैं तुझसे जितने बच्चे हैं सब अम्मा के प्यारे हैं -

Monday, November 14, 2011

शिव से आओ "सीख" सभी लें

मेरे प्यारे छोटे नन्हे मुन्ने दोस्तों आज बाल दिवस के मौके पर अपने दोस्त भ्रमर की  ढेर सारी शुभ कामनाएं  ग्रहण कीजिये आइये एक सुन्दर विश्व का निर्माण करें जो की बिना आप के सहयोग के तो हो ही नहीं सकता आज मै  पास होता तो आप के कान में ढेर सारा मन्त्र देता कुछ हंसाता गुदगुदाता और आप से हाथ उठवाकर ये संकल्प करवाता की हम अपने देश , संस्कृति , ईमानदारी, अहिंसा से कोई समझौता नहीं करेंगे अपने माँ पिता गुरु को हमेशा सम्मान देंगे उन्हें हर सुख सुविधा देंगे भरपूर प्यार देंगे जितना दुलार उन्होंने किया है जितना त्याग उन्होंने हमें इतना बड़ा करने में किया है वो  त्याग कोई  भी नहीं कर सकता और आजीवन हमे उनके नन्हे- मुन्ने -पप्पू बने रहना होगा ! जब चाहें वे हमें डांट दें प्यार दें मार दें दुलार दें उनको हर हक़ देना होगा जो भी अच्छा होगा उसे ग्रहण करना होगा बुराईयों से हमेशा दूर बहुत दूर रहना होगा तब हमारा ये उज्जवल भविष्य बनेगा बड़ी मेहनत करनी हैं कर्म ही पूजा है इससे हम अपना भाग्य भी अपने हक़ में कर लेते हैं हमारे हाथ की रेखाएं बदल जाती हैं हमें सुअवसर मिलता रहता है और हम कभी कभी इस जग में अपना नाम कमा सकते हैं 
आओ हम बच्चे किसी से भी भेद भाव न करें सब एक दूसरे  की सहायता करें विशेषकर जिसके पास कुछ कमी हो उसकी सहायता का हर हमेशा मन बनाये रखें ...जब आप ऐसा करोगे दूसरे की सहायता प्रभु आप की सहायता और वो जिसकी सहायता आप ने की दोनों खड़े रहेंगे आप की सहायता को ..


बोलो जय जय शिव शंकर हर हर भोले ....आओ भोले सा हम कोमल और कठोर दोनों बन जाएँ त्याग करें लेकिन दानवों को कभी बर्दाश्त नहीं करें .....आओ हम इनसे बहुत कुछ सीखें ...


आओ बचपन - अब खो जाएँ
माँ के आंचल में छुप जाएँ
हंस दें और उसे हंसाएं
उसकी आँखों में  देख देख के
प्यार के सागर खो जाएँ
हंस बने हम मोती चुग लें
सूरज बन रौशनी लुटाएं
लोरी चंदा गुडिया गुड्डा
रेल बस अड्डा
मेला ठेला भीड़ झमेला
ओझा मंदिर और चिकित्सक
कितना माँ को हम दौडाए
याद किये उस पर लुट जाएँ
बारिश में थोडा भीगे हम
कागज़ किस्ती चलो चलायें
छुपा छिपी थोड़ी शैतानी
माँ बाबा को खूब चिढायें
सब को भाई गले मिलाकर
बच्चे के गुण सब सिखलाएँ
नही कोई हो वैरी अपना
ना इर्ष्या हो ना हो झूठ
देश की खातिर अपना जीवन
अपना प्यारा हर एक पल हो
बने सदा हम वीर सपूत.






शिव से आओ "सीख" सभी लें


भागीरथ ने जिसे उतारा
नहीं सम्हाल सका जग सारा 
जटा में उलझी गंगा धारा
शिव का कृत्य बड़ा ही न्यारा 
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दो नैना हैं भोले -भाले
करुणामय हैं शिव मतवाले 
दे जाते हैं भक्त जो मांगे 
जान भी अपनी दांव लगाते



तीजा नैन प्रलय का द्योतक 
"पापी" का कर देता अंत 
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पिए हलाहल जग की खातिर 
कंठ हुआ है नीला 
दमन किये हैं अहम गर्व को 
कहता "बाघम्बर" है पीला 
अमृत पी पी सब जब बिसरे 
:"नीलकंठ" संग अब भी नीला 
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सोना चांदी गहने मोती 
"त्याग" सभी शिव देते 
जोगी जंगल मंगल हिम में 
"तप" करते ही दिखते 
राख भभूत भूत साँपों से 
अद्भुत इनका प्यार 
शिव की लीला शिव ही जानें 
क्या जाने संसार 
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शिव से आओ "सीख" सभी लें 
सीखें करना त्याग 
दुःख दारिद्र्य सभी तब भागे 
जग का हो कल्याण 
जहां प्रेम बरसे हो अमृत 
पावन संगम गंगा धारा 
पापी को तो ये त्रिशूल है 
है त्रिनेत्र -भूतों साँपों का 
बड़ा भयावह मन में डेरा 
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शुक्ल भ्रमर 
१४.११.२०११ यच  पी 
.३६-.०० पूर्वाह्न 





बच्चे मन के सच्चे हैं फूलों जैसे अच्छे हैं मेरी मम्मा कहती हैं तुझसे जितने बच्चे हैं सब अम्मा के प्यारे हैं --