BAAL JHAROKHA SATYAM KI DUNIYA HAM NANHE MUNNON KA

Tuesday, May 31, 2011

सच्ची टीचर मम्मी कहते



चिड़िया गाये कहतीं 
-
बच्चों आलस छोडो
आँखे खोलो प्यारे -
हंसकर जा मुह धो लो
(photo with thanx from googal/net)


निशा गयी उठ देखे -
कैसे सूरज आता
भजन पाठ व्यायाम करे -
जो भी तुझको भाता !!

नहीं बहाना झगडा करना
बच्चों नित जाना स्कूल
रोज नहाना टहला करना
तन-मन की धोना तुम धूल !!

उधम तोड़ फोड़ मत करना
लालच ना कर सब को देख
मन से रोज पढाई करना
समय मिले जब खेलो खेल !!

मीठे बोल - न झूठ बोलना  
सच्ची टीचर मम्मी कहते
होम वर्क कर सीख न आता
सब लीचड़ उसको ही कहते !!

शिष्ट आचरण सबसे रखना
चेहरा जैसे खिलता फूल







दुखी अपाहिज पर मत हँसना
आत्म शुद्धि जब माने भूल !!






सुरेन्द्र कुमार शुक्ल भ्रमर ५
प्रतापगढ़ उ.प्र.
१९.५.२०११



बच्चे मन के सच्चे हैं फूलों जैसे अच्छे हैं मेरी मम्मा कहती हैं तुझसे जितने बच्चे हैं सब अम्मा के प्यारे हैं --

Monday, May 23, 2011

आओ बच्चों दोस्त हमारे - प्यारे प्यारे देख नज़ारे

गर्मी आई बहे पसीना
नानी ने तरबूज मंगाया


खेल खिलौना उड़ते कैसे-आंधी आई  


खेल खिलौना चलो खरीदें गुब्बारे ले हम उड़ जाएँ 


शेर व् दुर्गा हाथी साथी क्या क्या बैठे देखो आओ 

खली सा कोई यहाँ खड़ा है घोडा बुढिया पानी भरती 
जंगल कटे तो भगे हिरन सड़क पे आ के खड़े हुए  
गेंडा गर्मी में किया समर्पण -पानी लाओ इस पे डालो 






गली के कुत्ते मुझको घेरे रोटी ला के मुझे खिलाओ 

रोटी दूध इन्हें भी भाए कोई आ जो इन्हें खिलाये  

बड़े बड़े तरबूजे आये चलो खरीदें घर में लायें 

सुरेन्द्र कुमार शुक्ल भ्रमर ५ 

बच्चे मन के सच्चे हैं फूलों जैसे अच्छे हैं मेरी मम्मा कहती हैं तुझसे जितने बच्चे हैं सब अम्मा के प्यारे हैं --

Monday, May 16, 2011

मम्मी मै भी राम बनूँगा


मम्मी मै भी राम बनूँगा 

(All photo's in this with thanks from google/other source)
मम्मी मै भी राम बनूँगा
तीर धनुष मंगवा दो
थोड़े से कुछ वस्त्र  राजसी
चूड़ामणि कंगन सारा सब
धोती भी मंगवा दो
दोनों रूप धरूँगा मै तो
राज महल पहले विचरूँगा
फिर गाँधी सी धोती पहने
सन्यासी बनवासी हो माँ
जंगल को निकलूंगा
रोना मत हे माँ ! विनती है
मुझको मत कमजोर तू करना
ममता प्यार जो तेरे आँचल
लिए बलैयां सब दे देना
चौदह साल घोर तप करके
शक्ति सब पाऊँगा
मारे रावन अहिरावन को
मेघनाद की  सारी सेना
धूल मिला के
विजयश्री ले आऊँगा
वहीँ जटायु और विभीषण



वानर सब हनुमान से मिल के

बल बुद्धि सब भर लाऊंगा
आदर्श तेज से अपने माता
ले आशीष तुम्हारा पग-पग
घोड़े यहाँ वहां दौड़ा के

सब को अपना प्यारा प्यारा
रामराज्य दिलवाऊँगा !!

सुरेन्द्र कुमार शुक्ल भ्रमर५ 
२२.०४.२०११ जल पी.बी.  




बच्चे मन के सच्चे हैं फूलों जैसे अच्छे हैं मेरी मम्मा कहती हैं तुझसे जितने बच्चे हैं सब अम्मा के प्यारे हैं --

Thursday, May 12, 2011

बन्दर जैसा बाल पकड़ के

मेरा भाई कितना नटखट














डंडा ले बस खट खट
इसे गिराता-उसे उठाता
उछल कूद कर शोर मचाता !!

खाने की  बारी जब आती
दूध -निवाला गटगट -गटगट
पढने जब मै पास बुलाती
माँ के आँचल छुपता झटपट !!

ना देखूं तो नयी किताबें
नोचे पन्ने फड-फड फड-फड
बन्दर जैसा बाल पकड़ के













लड़ता मुझको मारे थप्पड़ !!
सूरज तारा -राज दुलारा








मम्मी उसे बचाती झटपट
फूल सरीखा भाई प्यारा
मै भी सहती उसकी खटपट !!

सुरेन्द्र कुमार शुक्ल भ्रमर ५
४.५.२०११ 

बच्चे मन के सच्चे हैं फूलों जैसे अच्छे हैं मेरी मम्मा कहती हैं तुझसे जितने बच्चे हैं सब अम्मा के प्यारे हैं --

TOY

Toys are form of a child 
today I saw a Child playing 
with toy in soil
as I saw that Child 
One poem came in to my mind 
Robot 














and 
Racing Car











are toy
Which want you to every time enjoy


Toys gives child to smile 






and  they forget their meal
and some child use to show his style 




Toys can be made-up of plastic and steel 










(All above photos taken with thanks from other source)


Dont break or destroy toy
As these may also be annoy
Toys are the best friend of a child 
So keep it by kind 
Not as wild .

presented by Satyam Shukla

surendra shukla bhramar
12.05.2011


बच्चे मन के सच्चे हैं फूलों जैसे अच्छे हैं मेरी मम्मा कहती हैं तुझसे जितने बच्चे हैं सब अम्मा के प्यारे हैं --

Thursday, May 5, 2011

भूरे बादर जब आयेंगे




भूरे बादर जब आयेंगे 








गाल फुलाए मेढक भी

कड़क कड़क कर वो गरजेंगे
टर्र -टांय मामा मामी  !!




लप-लप लप-लप बिजली चमके
झम-झम झम-झम पानी
हरी चुनरिया धरती ओढ़े
ठुमुक ठुमुक नाचे नानी !!

किहूँ -किहूँ कर मोर नाचते









चातक चीखे पानी -पानी
ताल तलैया सभी भरे
कूदें बच्चे मन में शैतानी !!

भागो -भागो नानी आई
छड़ी हाथ में घूमे
शैतानों की शामत आई  
अच्छों का मुख चूमे !!
सुरेन्द्र कुमार शुक्ल भ्रमर ५

४.५.२०११ 



बच्चे मन के सच्चे हैं फूलों जैसे अच्छे हैं मेरी मम्मा कहती हैं तुझसे जितने बच्चे हैं सब अम्मा के प्यारे हैं --

Sunday, May 1, 2011

बच्चा होता है - माँ के दिल का कोना (मातृ रूपेण संस्थिता )


माँ हमारी जननी - जगद्जननी  है  उसकी प्रशंसा में जितना भी लिखा जाय सब कम है
या देवी सर्व भूतेषु  मातृ  रूपेण संस्थिता
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः

बच्चा होता है -
माँ के दिल का कोना

 एक माँ के ममता
में है बच्चों को
संस्कारी बनाने की क्षमता !
जब आती है -
बच्चों को माँ की याद
हो जाती है बच्चे से
माँ की बात !!
बच्चा होता है
माँ के दिल का कोना
माँ को आता नहीं
बच्चे से बिछड़कर सोना !!
बच्चे की मदद करने को
माँ रहती है तैयार !
बच्चे की सुरक्षा के लिए
हरदम रहती है होशियार !!
बच्चे के सुख के लिए
हर दर्द सहती !
और उसकी रक्षा   के लिए
कुछ भी कर सकती !!
बच्चे की छोटी से बड़ी
 गलती को करती है वो माफ़ !
उसके मन में भर उजियारा 
चंदा जैसे उजला उजला
रोशन करती दुनिया सारी  
सदा ही रखती साफ़  !!

(सत्यम शुक्ल द्वारा लिखित
 सुरेन्द्र  कुमार शुक्ल भ्रमर५
१.५.२०११ 



बच्चे मन के सच्चे हैं फूलों जैसे अच्छे हैं मेरी मम्मा कहती हैं तुझसे जितने बच्चे हैं सब अम्मा के प्यारे हैं --