BAAL JHAROKHA SATYAM KI DUNIYA HAM NANHE MUNNON KA

Thursday, January 26, 2012

भारत देश हमारा प्यारा



भारत देश हमारा प्यारा
बड़ा अनोखा अद्भुत न्यारा
शत शत इसे नमन .......


(फोटो साभार गूगल/ नेट से )
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तरह तरह की भाषाएँ हैं
भिन्न भिन्न है बोली
रहन सहन पहनावे कितने
फिर भी सब हमजोली
भारत देश हमारा प्यारा
बड़ा अनोखा अद्भुत न्यारा
शत शत इसे नमन ......
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मन मिलते हैं गले मिलें हम
हर त्यौहार मनाएं
धूमधाम से हँसते गाते
हाथ मिलाये सीढ़ी चढ़ते जाएँ ..
भारत देश हमारा प्यारा
बड़ा अनोखा अद्भुत न्यारा
शत शत इसे नमन .......

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बड़े बड़े त्यागी मुनि ऋषि सब
इस पावन धरती पर आये
वेद ज्ञान विज्ञानं गणित सब
दुनिया योग  सिखाये ...
भारत देश हमारा प्यारा
बड़ा अनोखा अद्भुत न्यारा
शत शत इसे नमन .......

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आलस त्यागे बच्चे बूढ़े कर्म जुटे  हैं
हरियाली खुशहाली  देखो
घर घर में है ज्योति जगाये
लिए तिरंगा नापे धरती सागर चीरे
पर्वत चढ़ के आसमान हम छाये
चमक दामिनी सी गरजें जब
दुश्मन सब थर्राएँ
भारत देश हमारा प्यारा
बड़ा अनोखा अद्भुत न्यारा
शत शत इसे नमन .......

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कितने जालिम तोड़े हमको
लूटे - ले घर भागे
सोने की चिड़िया हम अब भी
देखो सब से आगे
जहां रहेंगे खिल जायेंगे
फूल से महके जाते
वे जलते कोयले सा बनते
हीरा हम सब चमके जाते
भारत देश हमारा प्यारा
बड़ा अनोखा अद्भुत न्यारा
शत शत इसे नमन .......

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वीर जवानों वीर शहीदों
शत शत नमन तुम्हे ,
तेरे ऋण से उऋण  कहाँ हे !
नक़्शे कदम पे तेरे जाके
है प्रयास हम प्रजा सभी का
झंडा ले हम विश्व पटल पे
भरे  ऊर्जा जोश दोगुना
ऊंचाई   चढ़ सूर्य से चमकें
पल पल हम गतिशील रहें !
भारत देश हमारा प्यारा
बड़ा अनोखा अद्भुत न्यारा
शत शत इसे नमन .....

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सुरेन्द्र शुक्ल भ्रमर ५
करतारपुर पंजाब
२६ जनवरी २०१२
८-८.१५ पूर्वाह्न
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बच्चे मन के सच्चे हैं फूलों जैसे अच्छे हैं मेरी मम्मा कहती हैं तुझसे जितने बच्चे हैं सब अम्मा के प्यारे हैं --

Sunday, January 8, 2012

कम्प्यूटर जी-कुत्ता भौं भौं करते झपटा



कुत्ता भौं भौं करते झपटा 
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बैठ बैठ के थके तो 
मेरे पप्पा बाहर निकले 
                             (all photos from google/net with thanks)
तितली का पीछा छोड़े मै 
घर आया भागे दौड़े 
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धमक के ऊंची कुर्सी चढ़कर 
आपरेटर बन बैठा 
नन्ही नन्ही ऊँगली से मै 
की बोर्ड को छेड़ा 
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मानीटर पर आदमी घूमा 
चूहा इधर उधर था दौड़ा 
टी वी पर कुछ दृश्य दिखा था 

कुत्ते का एक लगा था पहरा 
ज्यों ही माउस को फिर मैंने 
झपटे  जरा दबोचा 
कुत्ता भौं भौं करते झपटा 
मुझको बड़ा डराया 
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बाल हनू ना नहीं गणेशा 

मिक्की माउस ना देखा 

गुस्से में फिर बटन दबाया 
मानिटर सी पी यूं जी का 
फिर यू पी यस बंद किया 
था तार वार सब नोच दिया 
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पप्पा ने था भौं भौं सुन कर 
बिजली बाहर से आफ किया 
दौड़े दौड़े आये पकडे 
गोदी ले समझाए 
प्यार से थोडा डांटे मुझको 
आँखों आंसू लाये 
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चुम्मी मेरी लेकर फिर वो 
हलराए-- दुलराये 
बाल हनु मिक्की माउस से 
सबसे मुझे मिलाये 
क्या क्या कर सकता कम्प्यूटर 
सब मुझको दिखलाए 
लेकिन बिजली से बच बच के 
रहना थे सिखलाये !
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शुक्ल भ्रमर 
३०.११.११- -.४८ पूर्वाह्न यच पी 



बच्चे मन के सच्चे हैं फूलों जैसे अच्छे हैं मेरी मम्मा कहती हैं तुझसे जितने बच्चे हैं सब अम्मा के प्यारे हैं --