हैप्पी
बर्थ डे टू “सत्यम “
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मेरे प्यारे नन्हे मुन्नों
मित्र हमारे दिल हो
मात - पिता के बहुत दुलारे
जग के तुम दीपक हो !
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आओ अपने नन्हे कर से
सुन्दर प्यारा जहाँ बनायें
सूरज चंदा तारों से हम
झिलमिल -झिलमिल इसे सजाएं !
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प्रेम की बहती अमृत धारा
कमल गुलाब खिले चेहरे हों
मंद मंद मुस्कान विखेरे
हम नूर नैन के दिलों बसे हों !
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फूल खिले हों चिड़ियाँ गायें
नाच मोर हर दिन सावन हो
ख़ुशी रहे "तुलसी" घर
आंगन
ज्ञान का दीपक ज्योति जगी हो
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होली दीवाली से हर दिन
झूमें हम - मन - मिला रहे
गुडिया
गुड्डे और घरौंदे
अपनी दुनिया सजी रहे !
देश के वीर
सपूत बनें हम
भारत - माँ - के लाल बनें
शावक से जब सिंह बनें हम
गरजें अरि के काल बनें !
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सभी बड़े- छोटे- सब मिल के
ह्रदय लगा - दे - दें आशीष
सदा सहेजे -- मै रखूँगा
नमन करूँ - तुम गुरु हो- ईश !
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कल है मेरा जन्म-दिवस- 'प्रिय'
केक काटने आ जाना
स्नेह लुटा बबलू पप्पू बन
लड्डू -टाफी - खा जाना
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गुब्बारे- संग -फूल खिलेंगे
खुश्बू होगी- कविता होगी
भ्रमर रहेंगे - मधुर गीत में
काव्य गोष्ठी - अद्भुत होगी
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आपका स्नेहाकांक्षी 'सत्यम"
द्वारा भ्रमर-५- २६.४.२०१२
प्रतापगढ़ उ.प्र.
बच्चे मन के सच्चे हैं फूलों जैसे अच्छे हैं मेरी मम्मा कहती हैं तुझसे जितने बच्चे हैं सब अम्मा के प्यारे हैं --