BAAL JHAROKHA SATYAM KI DUNIYA HAM NANHE MUNNON KA

Monday, June 24, 2013

अम्मा दौड़ो छाता लाओ


अम्मा दौड़ो छाता  लाओ
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रिम-झिम रिम-झिम बारिस आई
फूलों पौधों को नहलाई
मंद-मंद पुरवाई आई
झूमे तरु सब पौधे डाली
भोर उठा चिड़ियों संग गाया
देख प्रकृति  मन खुश हो आया
हरी घास सब खेत बाग़ वन
परछाई जल में उलटे सब


कागज़ मोड़ा नाव चलाया
खेत बाँध मै  नदी बनाया
मेढक दादुर मोर शोर था
नाच रहा मन-मोर जोर था

अम्मा दौड़ो छाता  लाओ


मुझको बस तक तो पहुँचाओ
नहीं तो लथ-पथ हो जाऊंगा
सर्दी बुखार ले घर आऊँगा
अच्छीं अच्छीं छींकें आतीं
सिहरन ज्वर अलसाई आती
पुस्तक दोस्त बनाये दूरी
मेरे कारण  रात-रात तू जागे पूरी
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छवियाँ गूगल/नेट से साभार 
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सुरेन्द्र कुमार शुक्ल भ्रमर5
14.06.2013
5.30-6.0 A.M.
कुल्लू हिमाचल

भारत



बच्चे मन के सच्चे हैं फूलों जैसे अच्छे हैं मेरी मम्मा कहती हैं तुझसे जितने बच्चे हैं सब अम्मा के प्यारे हैं --