प्रिय मित्रों आज हमारे सुपुत्र सत्यम ' गिरीश कुमार शुक्ल ' का जन्म दिन है आशा है आप सब का आशीष उसे मिलेगा ताकि जीवन पथ पर उजाला करते प्रगति पथ पर अग्रसर हो सके , मैंने भी इस अवसर पर निम्न रच डाला
जय श्री राधे
बच्चे मन के सच्चे हैं फूलों जैसे अच्छे हैं मेरी मम्मा कहती हैं तुझसे जितने बच्चे हैं सब अम्मा के प्यारे हैं --
जय श्री राधे
आओ बाल गोपाल बनें हम
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जन्म दिवस हो तुम्हे मुबारक
बल बुधि विद्या पाओ
संयम साहस प्रगति मार्ग पर
चले- प्रतिष्ठा पाओ
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एक बनो तुम नेक बनो हे !
करुणा दया दिखाओ
क्रोध अहं से दूर रहे हे !
प्रेम गीत गा हर दिल में छा जाओ
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हो एकाग्री चित्त में संयम
लक्ष्य सुनिश्चित कर जाओ
करो साधना निष्ठा मेहनत
पूजा जैसे , फिर प्रसाद तुम पाओ
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सुखी हो जीवन खुशियाँ बरसे
सब मिल खुशियाँ बांटो
घर-आँगन नित शांति बनी हो
जीवन सफल बनाओ
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बड़ों का आदर ज्ञान की पूजा
अच्छाई का वरण करो
एक 'ओउम ' है कोई ना दूजा-
मान! हृदय पुष्प को खिला रखो
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आओ बाल गोपाल बनें हम
हरषे झूमे नाचें
माखन लड्डू स्नेह के खाकर
हर दिल में छा जाएँ
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आलस ईर्ष्या दम्भ बुराई
दुर्जन -दुर्गुण दूर रहें
सज्जन सद्गुण हर अच्छाई
अपना करके दिल में सबके बने रहें
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सुरेन्द्र कुमार शुक्ल
भ्रमर
२७.४.२०१५. ६.४२ पूर्वाह्न
कुल्लू हिमाचल
बच्चे मन के सच्चे हैं फूलों जैसे अच्छे हैं मेरी मम्मा कहती हैं तुझसे जितने बच्चे हैं सब अम्मा के प्यारे हैं --