BAAL JHAROKHA SATYAM KI DUNIYA HAM NANHE MUNNON KA

Tuesday, October 18, 2011

ठंडी की लम्बी रातों का जी भर लुत्फ़ उठायें



रात पूर्णिमा का चंदा था 
अम्बर था रोशन सारा 
टिमटिम टिमटिम चमक रहे थे 
नभ में प्यारे सभी सितारे 
शीतल बयार भी डोल रही थी 
शीत आ रहा बोल रही थी 
बादल सी कुछ धुंध दिखी थी 
घास पे मोती ओस के 
सूरज भी अंगडाई लेते 
निकला कितनी देर से 
उधर भंवर उस कमल के अन्दर 
बंद रात भर सोया था 
सुबह सुबह जब फूल खिले तो 
आँख मींचते भागा था 
चिड़िया भी कुछ गाल फुलाए 
चींची चूं चूं कर आयीं 
फड फड फड फड पंख फैलाये 
शोर मचाये मुझे जगाईं 
दिन अब छोटा पड़जाएगा 
निशा का पलड़ा भारी होगा 
आओ बच्चों हम भी बदलें 
दिनचर्या तौर तरीकों को 
सर्दी गर्मी से बच रह लें 
टोपी मफलर स्वेटर रख लें 
ठंडी की लम्बी रातों का 
जी भर लुत्फ़ उठायें 
चुपके चुपके जी भर पढ़ लें 
लम्बी चादर तान तान फिर 
गहरी निद्रा में खो जाएँ 
सुन्दर मीठे सपने प्यारे 
परियां देव दूत का डेरा 
मम्मी खुद ही गोद उठाये 
सूरज निकला भोर सवेरा

शुक्ल भ्रमर  -9.15 A.M.
१९.१०.२०११ जल पी बी 


बच्चे मन के सच्चे हैं फूलों जैसे अच्छे हैं मेरी मम्मा कहती हैं तुझसे जितने बच्चे हैं सब अम्मा के प्यारे हैं --

11 comments:

SAJAN.AAWARA said...

Bahu hi pyari rachna......
Jai hind jai bharat

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

बहुत सुन्दर और प्यारी रचना ...

Surendra shukla" Bhramar"5 said...

सजन आवारा जी हार्दिक आभार ठंडी की लम्बी रातों का आप ने लुत्फ़ उठाया मजा आया प्रोत्साहन के लिए आभार
भ्रमर५

Surendra shukla" Bhramar"5 said...

आदरणीया संगीता जी हार्दिक आभार ठंडी की लम्बी रातों में बच्चों के लिए कुछ चुहलबाजी भरी रचना से आप ने भी लुत्फ़ उठाया मजा आया प्रोत्साहन के लिए आभार
भ्रमर५

Chaitanyaa Sharma said...

बहुत प्यारी रचना ...

Surendra shukla" Bhramar"5 said...

अरे भाई चैतन्य जी अच्छा हुआ आप ने मुखौटा उतार दिया नहीं तो हम तो दिया लेकर आप को ढूंढते रहते भीड़ में ...हेलोवीन के बारे में अच्छी जानकारी ..मजा आया ..न जाने ये भूत हमको क्यों नहीं ....
शुक्ल भ्रमर ५
बाल झरोखा सत्यम की दुनिया

Surendra shukla" Bhramar"5 said...

प्रिय मदन भाई ..सुन्दर सीख देता हुआ सार्थक लेख ...ज्ञान प्रद आप के ब्लॉग पर पढ़ा ...बधाई हो
शुक्ल भ्रमर ५
बाल झरोखा सत्यम की दुनिया

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
आपके ब्लॉग पर अव आते रहेंगे!

Surendra shukla" Bhramar"5 said...

डॉ शास्त्री जी अभिवादन और अभिनन्दन आप का यहाँ पर -बहुत ख़ुशी हुयी आप को यहाँ देख कर बच्चों के प्रति आप का प्यार झलक आया अपना आशीर्वाद और स्नेह दे इसे कृपया आगे बढ़ाते रहेंगे
भ्रमर ५

Suman Dubey said...

भ्र्मर जी नमस्कार , आप तो बाल कविताये भी लिख्ते हैं। आपसे निवेदन है कि हनु के बाल मन्च को भी अपनी लिस्ट मे जगह दें और लिखने को प्रेरित करें।धन्यवाद्।

Surendra shukla" Bhramar"5 said...

प्रिय सुमन दूबे जी अभिवादन आप के कथनानुसार हम हनु और रुद्रांश के पास पहुंचे ..सुन्दर ब्लॉग और कोशिश आप की ..लिखिए बच्चों के लिए और भी ..और बाल मंच से जुड़े ब्लॉग को फालो -अनुसरण करें उस साईट में शामिल हों कुछ की लिस्ट इस हमारे ब्लॉग पर लगही भी है
आभार
भ्रमर ५