बच्चों जब नानी घर जाना
"भ्रमर" कथा सब उन्हें सुनाना
कहना भ्रमर एक बूढा साथी
बच्चों का बनता जो हाथी
सर माथे पे उन्हें चढ़ा कर
जंगल जंगल सैर कराता
शेर दिखाता हिरन दिखाता
गीदड़ सियार बन्दर मामा संग
चीता बाघ व् वन मानुष का
मन भावन कुछ खेल दिखाता
शुतुरमुर्ग मुर्गे मुर्गी संग
तोता मिट्ठू सारस बगुला
चीं चीं चूँ चूँ किये हँसाता
पीला पहने बाबा जैसे
सब बच्चों के दिल में छाता
छुक छुक गाडी कभी चलाकर
जंगल मंगल सैर कराता
अंगुली पकडे बच्चों जैसे
घुल मिल खेले हँसता जाता
झरने में पानी संग खेले
रंग बिरंगी मछली देखे
बड़ी बड़ी आँखों की चिड़िया
मगरमच्छ बन कभी डराए
गेंडा सींग नाक पर लाये
अस्त्र शस्त्र सब वस्त्र वहां पर
राजा की पोशाकें देखो
किला सा सारा भरा खजाना
कैसा सुन्दर संग्रह सारा
नानी तुम भी कथा सुनाओ
भ्रमर के जैसे हंसी लगाओ !!
सुरेन्द्र कुमार शुक्ल भ्रमर ५
५.१० पूर्वाह्न २०.१०.२०११ जल पी बी
बच्चे मन के सच्चे हैं फूलों जैसे अच्छे हैं मेरी मम्मा कहती हैं तुझसे जितने बच्चे हैं सब अम्मा के प्यारे हैं --
21 comments:
सुरेन्द्र कुमार शुक्ल जी बच्चों के लिए बहुत प्यारा गीत लिखा है आपने !
यु ही आप लिखते रहिये बहुत अच्छा लगता है बचपन के वो दिन याद आ जाते हैं !
कोई लौटा दे मेरे बीते हुवे वो दिन ..........
बहुत प्यारा गीत ...
bahut pyari baal kavita
मदन भाई सच कहा आप ने नानी ननिहाल और वे बीते हुए पल ....यादगार पर कहाँ लौटते हैं .....
आभार आप का
भ्रमर ५
प्रिय चैतन्य आप को मजा आया नानी की याद आई की नहीं ?
आभार और प्यार
भ्रमर ५
प्रिय चैतन्य आप को मजा आया नानी की याद आई की नहीं ?
आभार और प्यार
भ्रमर ५
कानू जी अभिवादन और आभार ..बच्चों की कविता आप के मन को भाई सुन हर्ष हुआ ..
भ्रमर ५
आदरणीय महोदया
अमृता जी का हौज खास वाला घर बिक गया है। कोई भी जरूरत सांस्कृतिक विरासत से बडी नहीं हो सकती। इसलिये अमृताजी के नाम पर चलने वाली अनेक संस्थाओं तथा इनसे जुडे तथाकथित साहित्यिक लोगों से उम्मीद करूँगा कि वे आगे आकर हौज खास की उस जगह पर बनने वाली बहु मंजिली इमारत का एक तल अमृताजी को समर्पित करते हुये उनकी सांस्कृतिक विरासत को बचाये रखने के लिये कोई अभियान अवश्य चलायें। पहली पहल करते हुये भारत के राष्ट्रपति को प्रेषित अपने पत्र की प्रति आपको भेज रहा हूँ । उचित होगा कि आप एवं अन्य साहित्यप्रेमी भी इसी प्रकार के मेल भेजे । अवश्य कुछ न कुछ अवश्य होगा इसी शुभकामना के साथ महामहिम का लिंक है
भवदीय
(अशोक कुमार शुक्ला)
महामहिम राष्ट्रपति जी का लिंक यहां है । कृपया एक पहल आप भी अवश्य करें!!!!
प्रिय अशोक जी अगर आप ने महामहिम को मेल भेजा है तो बहुत अच्छा है अवश्य है अन्य सभी साहित्यप्रेमी इस पक्ष में लिखेंगे ..अमृता प्रीतम जी की वस्तुएं इमरोज जी के पास हैं विश्वास किया जा सकता है लेकिन आप का मेल जो राष्ट्रपति को गया वह चिठ्ठी क्या सार्वजानिक नहीं है क्या ?
भ्रमर ५
भ्रमर जी,बहुत सुंदर लगा ये बच्चों का गीत,बधाई..
मेरे नए पोस्ट में स्वागत है...
वाह ....बहुत ही बढि़या
कल 09/11/2011 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है।
धन्यवाद!
धीरेन्द्र जी बच्चे मन को मोह लेते हैं छोटे सुमन छोटे साथी हैं न
आभार आप का
भ्रमर ५
धीरेन्द्र जी बच्चे मन को मोह लेते हैं छोटे सुमन छोटे साथी हैं न
आभार आप का
भ्रमर ५
धीरेन्द्र जी बच्चे मन को मोह लेते हैं छोटे सुमन छोटे साथी हैं न
आभार आप का
भ्रमर ५
सदा जी बहुत ही ख़ुशी हुयी आप ने बच्चों की इस रचना को चुना और ये आप के मन को छू सकी कल अवश्य हम दर्शन ....नयी पुरानी हलचल पर
आभार आप का
भ्रमर ५
माननीय भ्रमर जी
सादर नमन
आपका ब्लॉग देखा, बहुत अच्छा लगा!
विलुप्त होती जा रही बाल-कविताएं देखने को मिलीं; बेहद अच्छा लगा!
यह अत्यंत सार्थक प्रयास है! हमारी शुभकामनाएं!!
सारिका मुकेश
आदरणीया सारिका जी जब आप से जज्बात सुन्दर विचार रखने वाले लोग बाल गीत को प्रोत्साहन देते रहेंगे तो ये कलम चलती रहेगी अपना स्नेह बनाये रखें
आभार
भ्रमर ५
बेहद खूबसूरत बाल गीत।
सादर
प्रिय यशवंत माथुर जी बहुत सुन्दर विचार और कथन आप के ..हम को हम से अच्छा समझने वाला और साथ निभाने वाला सच में कोई नहीं ..
भ्रमर ५
बहुत सुन्दर बाल गीत...शुभकामनायें!
आदरणीय शर्मा जी अभिवादन बहुत दिन बाद शायद मिले -व्यस्त ?- आभार आप का मंगल कामनाएं स्वास्थ्य और मंगल जीवन हेतु
बाल गीत नानी की याद दिला गयी ....
भ्रमर ५
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