बब्बर- झब्बर उस जंगल का राजा
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बहुत वीर हिम्मत वाला था
बब्बर- झब्बर उस जंगल का राजा
एक दहाड़ में नन्हे मुन्नों
काँप उठें सब जंगल था थर्राता
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बच्चे छुपते माँ की गोदी
सभी जानवर राह से भागें
जाने किसकी बारी आई
मौत सामने खड़ी – कांपते
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बड़े वेग से तूफाँ जैसे
निकले - पाए जिसको - मारे
रक्त पिए कुछ को खाए वो
रौंद रौंद तड़पाता जाए
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गीदड़ से हों मंत्री – तंत्री
चाटुकार तो राज्य बिगड़ता
अहं सभी को खा जाता है
वेद ग्रन्थ ज्ञानी सब कहता
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सारे जीव ने पंचायत कर
कैसे रोकें नाश हमारा
करी मंत्रणा भाग लिए सब
छोटे-बड़े उपाय सुझाया
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सब ने फिर नत-मस्तक हो के
कहा एक-एक कर
हम आयेंगे
शेर ने सोचा काहे को हम भागें दौड़ें
बिना परिश्रम बैठे-बैठे खा जायेंगे
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एक एक कर सब बेचारे
काल के मुंह में जाते थे
बड़ा कष्ट था परिजन
रोते चिल्लाते
अपनी
वलि दे दूजे को रहे बचाते
एक शशक था बुद्धिमान
बोला पहले मै जाऊँगा
अगर न हारा जीत गया तो
सब की जान बचाऊँगा
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रो
चिल्ला के विदा किये
सब
राह सोचते
वो बैठा था
संध्या तक भूखा ‘शेर’ तडपता
जोर-जोर उछला दिन भर रहा गरजता
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हाथ जोड़ खरगोश कहे हे ! क्षमा करो महराज
भूख आप के बड़ी लगी पर हम ना आये काज
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आ पाया ना - सुबह का निकला
दूजा शेर बना राजा - कहता तुझको मै खाऊंगा
तेरा वैरी वीर बड़ा है कुए पे बैठा
कहता मै जंगल का राजा !
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ये दौड़ा चीखा - चिल्लाया- उछला- गरजा
कुएं पे आ धमकी देता - आवाज लगाई
झाँक झाँक पानी में मूरख कूद गया
मुझे बचाओ जोर-जोर दे रहा दुहाई
कौन भला इस
‘दुष्ट’- राक्षस- पापी को
दे ‘वर’ - उसकी जान बचाए
सभी ख़ुशी थे 'काल' गया टल
गले मिले – हर्षित- हर्षाये !!
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सुरेन्द्र कुमार शुक्ल भ्रमर ५
कुल्लू यच पी
१६.५.१२ ७.५०-८.०१ पूर्वाह्नबच्चे मन के सच्चे हैं फूलों जैसे अच्छे हैं मेरी मम्मा कहती हैं तुझसे जितने बच्चे हैं सब अम्मा के प्यारे हैं --
13 comments:
सुंदर बाल कविता...
आपकी इस उत्कृष्ठ प्रविष्टि की चर्चा कल मंगल वार २२ /५/१२ को राजेश कुमारी द्वारा चर्चा मंच पर की जायेगी |
आदरणीया रिता शेखर मधु जी प्रोत्साहन के लिए आभार ..ये बाल रचना आप के मन को छू सकी सुन ख़ुशी हुयी
भ्रमर ५
आदरणीया राजेश कुमारी जी बहुत ख़ुशी हुयी सुनकर की ये बाल रचना आप को अच्छी लगी और आप ने इसे चर्चा मंच पर ले जा और बच्चों और प्रिय पाठकों तक पहुंचाया --आभार
भ्रमर ५
बहुत अच्छी कविता...
प्रिय चैतन्य . बब्बर झब्बर आप को अच्छे लगे और ये खरगोश की कहानी अच्छी लगी सुन ख़ुशी हुयी --आभार -भ्रमर ५
आदरणीया राजेश कुमारी जी बहुत सुन्दर चर्चा रही .. बाल रचनाओं में आप ने मेरे ब्लॉग बाल झरोखा सत्यम की दुनिया को भी शामिल किया बड़ी ख़ुशी हुयी .आभार -जय श्री राधे -भ्रमर ५
Very nice post.....
Aabhar!
Thank u Sanju I visited to ur blog ..nice ...do write more ..hearty wishes..Bhramar5
बहुत बेहतरीन व प्रभावपूर्ण रचना....
मेरे ब्लॉग पर आपका हार्दिक स्वागत है।
आदरणीया शांति जी रचना आप को पसंद आई ..बाल रचनाओं को प्रोत्साहन मिला ख़ुशी हुयी
आभार
भ्रमर ५
बहुत बेहतरीन बाल कविता..
प्रिय राज पुरोहित जी बाल रचना लिखने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए अपना स्नेह यों ही बनाये रखें आभार
भ्रमर ५
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