मेरे प्यारे प्यारे छोटे छोटे नन्हे मुन्ने मित्रों जय श्री कृष्ण ,
प्रभु मुरली मनोहर कन्हैयालाल जी ने जन्म लिया मथुरा में ...लेकिन उत्साह गोकुल नगरी , वृन्दावन ही क्या पूरे विश्व में भादों का महीना दुन्दुभी बजी मेघों ने मल्हार गाया बिजली चमकी रोशन हुआ घर आंगन ...सोलह कलाओं से परिपूर्ण माखन चोर अब अपनी विभिन्न लीलाओं से हम सब को चकित कर देंगे ..नित्य नयी लीलाएं हमारे बीच प्रभु ..कितनी खुशियों के क्षण ..आइये हम उनसे सीख लें वे योगी हैं ध्यानी हैं ज्ञानी है गुरु हैं सभी नीतियों में माहिर राज नीति धर्म नीति सब में ...
आओ एक बार बोलें प्यार से सराबोर हो
बोलो वृन्दावन गिरधारी लाल की जय
मुरली धर कान्हा बांसुरी वाले की जय
.........कान्हा ने जैसे जन्माष्टमी में मन मोहा अब बड़े होते अपने कारनामे दिखाएँ पाप मिटायें तो आनंद और आये ....
आप सब को कृष्ण जन्माष्टमी की , और स्वतंत्रता दिवस (अग्रिम रूप से ) के उपलक्ष्य में ढेर सारी हार्दिक शुभ कामनाएं
जय श्री राधे कृष्ण
भ्रमर ५
बच्चे मन के सच्चे हैं फूलों जैसे अच्छे हैं मेरी मम्मा कहती हैं तुझसे जितने बच्चे हैं सब अम्मा के प्यारे हैं --
7 comments:
बहुत सुन्दर प्यारी प्रस्तुति ..
जय श्रीकृष्ण!
सुन्दर चित्र..
आपको भी जन्माष्टमी की बहुत-बहुत शुभकामनाये..
:-)
मनोहारी...
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1. DISQUS 2012 और Blogger की जुगलबंदी
2. न मंज़िल हूँ न मंज़िल आशना हूँ
खरगोश का संगीत राग रागेश्री पर आधारित है जो
कि खमाज थाट का सांध्यकालीन राग है, स्वरों में कोमल निशाद और बाकी स्वर शुद्ध
लगते हैं, पंचम इसमें वर्जित
है, पर हमने इसमें अंत में पंचम का
प्रयोग भी किया है, जिससे इसमें राग बागेश्री भी झलकता है.
..
हमारी फिल्म का संगीत वेद नायेर ने दिया है.
.. वेद जी को अपने संगीत कि प्रेरणा जंगल में
चिड़ियों कि चहचाहट से मिलती है.
..
Also visit my page :: फिल्म
nice presentation....
Aabhar!
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आदरणीया कविता जी कान्हा प्रभु पर लिखा ये लेख पसंद आया सुन ख़ुशी हुयी
बोलो बांके बिहारी लाल की जय
भ्रमर ५
रीना जी , विनय जी,संजू जी आप सब का आभार प्रोत्साहन हेतु बोलो वृन्दावन बिहारी लाल की जय
भ्रमर ५
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