चंदा मामा कल ना आना
मम्मी जी की थाली में
पुए भी मीठे नहीं बनाना
दूध न देना प्याली में
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बोला हूं मम्मी को अपनी
मुझे झिंगोला एक सिलाओ
ऊंची सी बनवा दो सीढ़ी
' मामा ' से चल मुझे मिलाओ
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नहीं तो चिड़ियों से मिल करके
पवन पुत्र सा मै आऊंगा
सैर करूं नभ तुझ संग मामा
हाथों तेरे ही खाऊंगा
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सुरेन्द्र कुमार शुक्ल भ्रमर5
प्रतापगढ़, उत्तर प्रदेश,
भारत
(फोटो साभार गणपति कुमार से )
बच्चे मन के सच्चे हैं फूलों जैसे अच्छे हैं मेरी मम्मा कहती हैं तुझसे जितने बच्चे हैं सब अम्मा के प्यारे हैं --
2 comments:
अरे वाह ... ये तो नया ही स्टाईल हो गया बच्चों का .. सुन्दर बाल गीत .
जी आदरणीया संगीता जी अब आज के बच्चे हैं न, आभार आप का प्रोत्साहन हेतु
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