BAAL JHAROKHA SATYAM KI DUNIYA HAM NANHE MUNNON KA

Friday, April 1, 2011

कितना काम करे तू अम्मा


कितना काम करे तू अम्मा 
अम्मा मुझको नहीं पाल-ना ??
उड़न खटोला ला -दो
पड़ा पड़ा मै थक जाता हूँ
मुझको जरा उड़ा दो
मै पतंग सा चिड़ियों के संग
आसमान उड़ जाऊं
मुक्त फिरूं मै
चंदा तारों के संग खेलूँ
सूरज से मिल आऊँ मै



जैसे तुझको रहा छकाता
रो-रो कर मै तुझे बुलाता 
दौड़ी पल-पल तू  जाये 
चूमे -चाटे दौड़ी जाये

कितना काम करे तू अम्मा???
ऐसे ही मै उन्हें छ्काऊँ
अपनी हरकत बाज  आऊँ
चंदा दौड़ा जो आएगा
पास हमारे
उसे छुपा लूँगा झोले में
दिन निकलेगा
सूरज जो भागा आएगा
चाँद को छोड़ूंउसे जकड लूं
रात हुयी
फिर
अंधकार होते ही अम्मा
भागी दौड़ी तू आएगी
काम छोड़कर
गोदी अपने भर के अम्मा
लोरी मुझे सुना देना
मधुर-माधुरी गा -गा अम्मा
दुनिया सैर करा देना
अवधपुरी-गोकुल -मथुरा सब


"बाल-झरोखा" ला दे-ना
तेरी आँखों में खोया मै
पकडे तेरी ऊँगली अम्मा
दुनिया का सुख पाऊँ
ममता के आँचल में लिपटा
पल भर में सो जाऊं
कितना काम करे तू अम्मा ??
अम्मा मुझको नहीं पाल-ना ??
उड़न खटोला ला -दो

सुरेन्द्र कुमार शुक्ल भ्रमर५
बाल झरोखा -सत्यम की दुनिया को समर्पित
..2011

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