BAAL JHAROKHA SATYAM KI DUNIYA HAM NANHE MUNNON KA

Sunday, April 10, 2011

मेरा तोता

बच्चे मन के सच्चे हैं फूलों जैसे अच्छे हैं मेरी मम्मा कहती हैं तुझसे जितने बच्चे हैं सब अम्मा के प्यारे हैं --
        
         मेरा तोता


सब को प्रिय वह मेरा तोता














(छवि-फोटो साभार-धन्यवाद के साथ अन्य स्रोत से )
जो कुछ खाता उसको देता 
संग बतियाता संग में सोता
उसी जगह-घर-जहाँ मै होता

नहीं कहा-दुर-देता जाता
जाति-नीच-बैठे बस खाता
साध यही -घर आये -खाए
दे आशीष शोर मचाये

डरता हूँ ना वो रट लाये
कैद किया इसने मन भाए
हरा देख अब कुछ पछताए 
साथ खोजकर -उड़ ना जाये 

सुरेन्द्र कुमार शुक्ल भ्रमर 
पटना २४..1993 

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