BAAL JHAROKHA SATYAM KI DUNIYA HAM NANHE MUNNON KA

Wednesday, May 22, 2013




 आओ बच्चों  शीतल कर दूं
 सारी    गर्मी पल में  हर लूं
 अपने  जैसा  हरा भरा कर
चेहरा कर दूं  लाल  टमाटर
पल में    सोख पसीना लूं मै
 जेठ  दुपहरी  में   तरुवर हूँ
हर पिपासु का कुआँ बड़ा हूँ
कुआँ  बड़ा पर द्व़ार  खडा हूँ
देखो कुआँ मगर मै  आया
मन में ज़रा  अहम् ना लाया
 तुम भी सब  की प्यास मिटाओ
बढे चलो तुम ना शरमाओ
मेरे जैसा शीतल रह के
मन मिठास दिन प्रतिदिन भर के
 तरबूजे सा मीठा बन के
दिल  अजीज  सब के तुम बन के
दुनिया में  परचम  लहराओ
भर  मिठास मुस्कान खिलाओ !

 सत्यम शुक्ल
2 2 मई २01 3






बच्चे मन के सच्चे हैं फूलों जैसे अच्छे हैं मेरी मम्मा कहती हैं तुझसे जितने बच्चे हैं सब अम्मा के प्यारे हैं --

13 comments:

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी इस प्रविष्टि की चर्चा आज बृहस्पतिवार (22-05-2013) के झुलस रही धरा ( चर्चा - १२५३ ) में मयंक का कोना पर भी है!
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया said...

बहुत सुंदर प्यारी बाल रचना,,,

Recent post: जनता सबक सिखायेगी...

अरुणा said...

सुन्दर बाल रचना

Shikha Kaushik said...

बहुत सुन्दर प्रस्तुति .बधाई . हम हिंदी चिट्ठाकार हैं.
BHARTIY NARI .

शिवनाथ कुमार said...

सुन्दर सी प्यारी बाल रचना
साभार !

SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR5 said...

आदरणीय शास्त्री जी इस बाल रचना को आपने मयंक के कोना के लिए चुना ख़ुशी हुयी बच्चों के प्रति ऐसे ही प्रेम बनाये रखे ...आभार
भ्रमर ५

SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR5 said...

धीरेन्द्र भाई प्रोत्साहन के लिए आभार
भ्रमर ५

SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR5 said...

आदरणीया अरुणा जी इस बाल रचना ने आप के मन को छुवा सुन ख़ुशी हुयी आभार
भ्रमर ५

SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR5 said...

आदरणीया शिखा जी इस बाल रचना ने आप के मन को छुवा ख़ुशी हुयी प्रोत्साहन के लिए आभार
भ्रमर ५

SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR5 said...

प्रिय शिव नाथ जी प्रोत्साहन के लिए आभार
भ्रमर ५

Chaitanyaa Sharma said...

बहुत सुन्दर कविता

Surendra shukla" Bhramar"5 said...

आदरणीय शास्त्री जी , आदरणीय अरुणा जी , प्रिय चैतन्य जी आप सब का रचना पसंद करने और प्रोत्साहन के लिए आभार
भ्रमर ५

Surendra shukla" Bhramar"5 said...

बहुत सुन्दर प्रिय चैतन्य जी मजा नहीं आता आप का चेहरा और अच्छी बातें देखने को मिलती रहती हैं तो आनंद और आता है ..
स्वागत है ...बाल झरोखा सत्यम की दुनिया में आप पधारे ख़ुशी हुयी
भ्रमर ५